ग्यासपुर माइनर का पानी खेतों भरा, किसानों को लाखों का नुकसान
मुरादनगर। सुठारी और रावली गांव में ग्यासपुर माइनर का पानी खेतों भरने से चौबीस से अधिक किसानों की सौ बीघा से अधिक फसल डूब गई है, जिसके कारण किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो गया है।
गंगनहर से भोला झाल से निकलने वाला ग्यासपुर माइनर से रेवड़ा रेवड़ी, विहंग गांव तक खेतों की सिचाई की जाती है, आरोप है कि सिंचाई विभाग ने नहर की सफाई रावली रोड के पुल तक ही कराई है, पुल से आगे सफाई न होने के कारण उसके अंदर पेड़ पौधे कबाड़ उग आया है। इतना ही नहीं डोल कमजोर होने के कारण आए दिन नहर के किनारे टूट कर खेतों में पानी भरने की समस्या आम हो गई है। किसान वर्तमान स्थिति में फसल का उचित दाम न मिलने और गन्ने का भुगतान का पेमेंट न होने और मौसम की मार से पहले ही आर्थिक स्थिति से जुझ रहा है। अब रावली और सुठारी गांव के खेतों में ग्यासपुर माइनर की पटरी टूट कर खड़ी फसल बबार्द हो रही है। जिसमें चौबीस से अधिक किसानों की करीब 100 बीघा जमीन में माइनर का पानी भर गया है। खेतों में पानी भरने से गेंहू, खीरा, सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है। प्रभावित किसानों ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए मोदीनगर एसडीएम से नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है। जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विकास यादव ने बताया की इससे पहले ग्यासपुर माइनर भोला से लेकर रेवड़ी गांव तक साफ की जाती थी। माइनर का अतिरिक्त पानी हिंडन नदी में डाल दिया जाता था। जिससे किसी भी किसान का कोई नुकसान नहीं होता था। लेकिन अब सफाई का कार्य केवल रावली रोड तक किया गया है, रावली रोड से आगे नहर की स्थिति अत्यंत दयनीय है कई बार अधिकारियों से शिकायत करने के उपरांत भी रावली रोड से रेवड़ी हिंडन नदी तक नहर की सफाई नहीं की गई है जिस कारण यह समस्या बनी हुई है।
किसानों में पवन यादव, योगेंद्र, राजू, साबिर, नूरदीन, गणेशी, पीतम, हंशा, बिंदर, वचन, रंजन, चंद्रपाल, रविंदर, संजय, नानक, लख्मी, गोपी, जगपाल, सौदान, मामराज, नरेंद्र, बिरम आदि किसान प्रभावित है। सिंचाई विभाग के एसडीओ नीरज पांडे का कहना है कि माइनर की सफाई कराई जा चुकी है, वह इसकी जांच करायेंगे।
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